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Dr Lal Thadani

Romance Tragedy

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Dr Lal Thadani

Romance Tragedy

तुम मिले ही क्यों

तुम मिले ही क्यों

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तुम मिले ही क्यों 

छोटी-छोटी बात पर रूठना तुम्हारी आदत है  

राई का पहाड़ बनाना तुम्हारी आदत है 

तुम मिले ही क्यों 


खुद के दाग आईने में नजर आते नहीं 

बेदाग को दागदार बताना तुम्हारी आदत है 

तुम मिले ही क्यों 


करना बहुत है, करते नहीं, करने देते नहीं

कर्मठ को पीछे धकेलना तुम्हारी आदत है 

तुम मिले ही क्यों 


ताज़ी हवा और रोशनी सेहत के लिए अच्छी है 

मगर खिड़कियां बंद रखना तुम्हारी आदत है 

ऐसे में बताओ तुम मिले ही क्यों।


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