ये वक्त रूका सा लगता है
ये वक्त रूका सा लगता है
वक्त कभी रुकता नहीं पर, मेरा वक्त रुका सा लगता है,
अहसासो का दरिया थमा सा लगता है?
खुशियाँ थी जो पास आज दूर हो गई ,
मंज़िल थी सामने आँखों से ओझल हो गई।
ना जाने क्यूँ सूरज ढला सा लगता है?
ये वक्त रुका सा लगता है।
सिमट कर रह गई आज परछाई मेरी मुझ ही में,
दर्द बनकर उभर आया आज मेरी ही तस्वीर में।
सबकुछ यहाँ आज जमा सा लगता है।
ये वक्त रुका सा लगता है।
कहो कहाँ जाना है तुम्हें "शाहाना"?
किसे पाना है यहाँ से जाकर "शाहाना"?
क्यों हर घड़ी दिल बेचैन सा लगता है?
ये वक्त रुका सा लगता है।
दिल की गहराइयों को नापना आसान नहीं है,
किसी के दिल से खेलना छोटी बात नहीं है।
कोई मोहब्बत को दिल्लगी समझता है,
कोई प्यार को नफरत में बदलने लगता है।
अहसासों का दरिया थमा सा लगता है।
ये वक्त रुका सा लगता है।