STORYMIRROR

Shahana Parveen

Children

2  

Shahana Parveen

Children

नन्हा दिल

नन्हा दिल

1 min
28

केवल हँसता है और रोता है,

अभी नन्हा दिल कुछ नहीं समझता है।

माँ की बाते ध्यान से सुनता है,

दिन में सोता रातों को जागता है।

अभी नन्हा दिल कुछ नहीं समझता है।।


होंठों पर जब हँसी आती है,

परिवार की हिम्मत बढ़ जाती है।

मुँह से कुछ नहीं कहता है,

आँखों से बातें फिर करता है।

अभी नन्हा दिल कुछ नहीं समझता है।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children