STORYMIRROR

मुझे माँ तक बात पहुंचानी है

मुझे माँ तक बात पहुंचानी है

1 min
40.5K


कोई तारें बिछा दो फोन की भगवान के घर तक,
मुझे माँ तक बात पहुंचानी है।
जो बापू के बनाये बेतरतीब से बाल देखकर डांटता है मुझे,
उस मास्टर की माँ से डांट पड़वानी है।
एक नई जादू की तरकीब सीखी है मैने,
वो भी तो माँ को बतानी है।
छ महीने का छोड़ गयी थी माँ जिस गुडिया को,
बोलना सीख गयी है अब वो, उसकी आवाज़ उन्हे सुनानी है।
नंबर बढ़ गया है दादी के चश्मे का,
उस चश्मे से माँ को दुनिया दिखानी है।
हमें हँसा कर खुद रोते हैं अकेले में,
मुझे बापू की ये शिकायत भी उनसे लगानी है।
और मदर्स डे पर माँ के लिये लिखी पहली कविता,
सबसे पहले माँ को ही सुनानी है।
कोई तारें बिछा दो फोन की भगवान के घर तक,
मुझे माँ तक बात पँहुचानी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children