Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Smita Patil Mahajan

Children Stories

4.5  

Smita Patil Mahajan

Children Stories

पापा की बिटिया

पापा की बिटिया

2 mins
382


नन्ही सी बिटिया थी वह

तूफ़ानी रात को आयी थी 

आते ही उसने सारे घर में 

हलचल एक मचाई थी 


ज़िद्दी हठी और नखरेल 

थी वह अव्वल दर्जे की ग़ुस्सैल 

सारे घर को सर पर उठाती थी वह 

पापा की लाड़ली कहलाती थी वह 


दिन और साल गुजरते गये

एक एक कर पापा के सपने सच होते गए 

चुलबुली होनहार उत्साही थी वह

उनकी ऑंखों का तारा थी वह 


देख उसे फिर नये रूप में

गर्व से अश्रु झलकाते थे वह 

ख़ूब उन्नति करो, खूब फूलो- फलो

सर पर हाथ रख आशीष देते थे वह


फिर काल ने रंग दिखाया 

असमय उन्हें सब से बिछडाया 

हाँ वह अब बड़ी तो हो गई थी 

पर फिर भी पापा की बिटिया थी वह 


सपने देखना न छोड़ा उसने 

पापा का सपना न कभी तोड़ा उसने 

कठिन मुक़ाम तय किये उसने 

नये आयाम फ़तह किये उसने


फिर भी मन में एक कमी है 

उनकी शाबाशी की चाह बड़ी है 

काश वो एक ही बार आ जाते 

अपनी एक झलक दिखलाते 

शब्दों से नहीं, ऑंखों से कह जाते 

बिटिया मेरी बड़ी हो गई है.....!  


       


Rate this content
Log in