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Smita Patil Mahajan

Drama Romance Fantasy

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Smita Patil Mahajan

Drama Romance Fantasy

गुलाब का फूल

गुलाब का फूल

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पुरानी किताब के पन्ने हैं

ज़रा संभाल के पलटिए...

कहीं इसमें रखा कोई 

पुराना गुलाब का फूल न गिर जाए !!


इस गुलाब ने अपने रंग और ख़ुशबू से,

ख़ामोशी से, हज़ारों अफ़साने बयां किए थे ...

दिल में उथल पुथल तो मची थी ,

होंठ भी हल्के से मुस्कुरा दिए थे !


देने वाले के दिल में तो हज़ारों ख्वाहिशें थी ,

पर तुम तो सिर्फ मुस्कान और ख़ुशबू बिखेर रहे थे !!

तुम्हारी मासूमियत कब चुपके से क़त्ले आम कर गई 

हमें पता भी न चला !!!


दिल तुम पर आया या उन पर ,

यह तो अब तक पता न चला !

पर उस दिन का ख़ुमार ज़रूर ,

हमारा जुनून बन चला !!!


सहेज कर रख लिया हमने तुम्हें 

और समेट लिए वो पल 

मानो क़ैद कर लिया हो उन पलों,

अहसासों और यादों को हमने

अपनी किताब में !!


पुरानी किताब के पन्ने हैं 

और उसमें रखा एक फूल ....

किताब की अपनी कहानी तो है ही 

उसमें छिपी एक और अनसुनी

अनकही दास्ताँ भी है !!!


पुरानी किताब के पन्ने हैं 

जनाब ज़रा संभाल के पलटिये ....            


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