मुबारक हो ज़िन्दगी
मुबारक हो ज़िन्दगी
मुबारक हो ज़िन्दगी, तूने फिर हरा दिया मुझे,
तेरी रुकी हुई सोच ने, फिर ठहरा दिया मुझे,
तेरे फैसले पर, ऐतराज तो किया नही कभी,
पर आज एक फैसले ने, तड़पा दिया मुझे।
मुबारक हो ज़िन्दगी, तूने फिर हरा दिया मुझे…..
औरों के फिक्र ने, मुझे फिर अनदेखा किया है,
औरो के जिक्र पर, आज मुझे शर्मिंदा किया है,
औरों की खुशी से, परहेज़ तो किया नही कभी,
पर आज औरों की खुशी ने, रुला दिया मुझे।
मुबारक हो ज़िन्दगी, तूने फिर हरा दिया मुझे…..
हर बार तेरी फितरत, मुझसे बेबाक रही है,
तेरी हरकतें हर बार, मुझे आवाक करती हैं,
तेरी बेदिली पर, बेज़ार तो हुआ नही कभी,
पर आज तेरी बेदिली ने, बिखरा दिया मुझे।
मुबारक हो ज़िन्दगी, तूने फिर हरा दिया मुझे…..
