अक्स...
अक्स...
वो अक्स है मेरा,
उसे मेरे साथ रह जाने दो
जो उसे कह न पाया
आज वो बात कह जाने दो
वो थोड़ा सा मुझमें रहने लगा है,
मुझे थोड़ा उसका हो जाने दो
उसे जाना है, वो ज़रूर चला जायेगा,
मगर जो वक्त अभी हाथ में है,
मुझे थोड़ा उसके साथ बिताने दो…
वो अक्स है मेरा,
उसे मेरे साथ रह जाने दो
उसकी यादें मैं संजो कर रखूंगा खुदमे,
मुझे अपनी हर बात याद है वो
दूर खड़ा मैं भी मुस्कुराऊंगा,
जब होगी कामयाबी के मुकाम पे वो
हमारी आंखें हल्की भीग जायेंगी,
जब मिलेंगी इत्मीनान से वो
फिर सब समेट मैं लौट जाऊंगा,
अब मुझे चले जाने भी दो
एक नई याद जुड़ेगी मेरे अक्स से,
उसे मेरे साथ ही रह जाने दो।