बंसी
बंसी
न चाहूं भोग संसार का ,
न ही किसी और का संयोग
बिना अपनी राधा के ,
इस बंसी का भी क्या ही है मोल ?
न चाहूं भोग संसार का ,
न ही किसी और का संयोग
बिना अपनी राधा के ,
इस बंसी का भी क्या ही है मोल ?