सब जायज़ है
सब जायज़ है
सब जायज़ है, अगर सीमा में रहकर ही किया जाये।
किसी को कोई नुकसान न हो, न दुखी किया जाये।
सब जायज़ है, अगर सामाजिक दायरे में किया जाये।
किसी कानून और नियम का उल्लंघन न किया जाये।
सब जायज़ है, अगर दिल के जज़्बातों को कहा जाये।
किसी के दिल को ठेस और पीड़ा नहीं पहुंचाई जाये।
सब जायज़ है, अगर अपने मन की इच्छा से जिया जाये।
किसी से दबकर और किसी को दबाकर न जिया जाये।
सब जायज़ है, अगर स्वाद के लिए कुछ खा लिया जाये।
लेकिन अपने शरीर और सेहत का ख़्याल रख लिया जाये।