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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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जीवन क्या है

जीवन क्या है

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कुछ कठिन कुछ सरल पलों का सुंदर जबाब है

कुछ प्रारब्ध कुछ हमारे कर्मों का सदा हिसाब है।

कुछ होनी अनहोनी की आशंका के बीच घिरा हुआ,

कुछ हमारे हौसलों और हिम्मतों पर उठता सवाल है।

जीवन क्या है?

नदी सा शांत सरल निश्चल है कभी,

कभी समुन्द्र सा लेता हुआ उफान है,

कभी खुद के लिए भी बोझ सरीखा है

जिसे उठाने में इंसान विवश और लाचार है।


जीवन क्या है ?

कभी दूसरों की हिम्मत बनकर मजबूती की डोर थामे हुए,

कभी किसी चेहरे की निश्चल मुस्कान है,

कभी दर्द में भी प्रेरणा का स्रोत बना हुआ,

कभी खुद के लिए आस और विश्वास है।


जीवन सिर्फ साँसों की चलती डोर नही,

साँसों के डोर को अनवरत चलाने का प्रयास है,

जीवन आई.सी यू.के कमरे के बाहर प्रतीक्षारत

कभी कभी बहुत विवश लाचार है।


जीवन कभी दूसरों की जिम्मेदारियों को निभाने का

एक अनथक प्रयास है।

कभी खुद की जिम्मेदारी से भी मुँह चुराने का बेख्याली में एक ख्याल है।

जीवन आधी खुशी और आधे गम का एक अनोखा एहसास है।


जीवन एक जंग है,

जहाँ जीत हार से ऊपर लड़ना ही एक हल और

एक प्रयास है।


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