गाने ऊपर गाना गाना एक तराना
गाने ऊपर गाना गाना एक तराना
हम पे ये किसने हरा रंग डाला
खुशी ने हमारी हमें मार डाला, हमें मार डाला (देवदास)
हो ओ हो,,
खुशी हमारी हम से रुठ गयी है,
जाने किधर और किस गली डोल रही है,
तहेदिल से जानती है कितना हम तडपेंगें,
जानते हुए भी,, हमसे जाने क्यूं??
मुंह मोड़ रही है,, मुंह मोड़ रही है, मुंह मोड़ रही है।
कह दो, खुशी से हमारी, तेरे बिन, कैसे जी रहे हैं
मर-मर के हर पल, कितने अश्क पी रहे हैं
हमारे अश्कों की, टोह पे, तुम्हारे दिल की कली खिल रही है,, कली खिल रही है,, कली खिल रही है।
ओ हो ओ,,
खुशी हमारी हमसे रुठ गयी है,
लाख,, मिन्नतें करके हम मना लें, सारे दर-दरवाजे,, बंद करके,
जाने कहां-कहां घूम रही है,, खुद पे ना जाने कितना इतरा रही है,,
इतरा रही है,, इतरा रही है।
ओ हो ओ,
खुशी हमारी हमसे रुठ गयी है,
लौट आओ हमारी खुशी तुम,, पास हमारे
तेरे जाने से हमारे जिस्म में, जैसे जान ही नहीं बची है,
यही बात खुशी के भेजे में नहीं घुस रही है,, नहीं घुस रही है, नहीं घुस रही है।
हो ओ हो,,
खुशी हमारी हमसे रुठ गयी है
खुद की इतराहट में ही चूर हो गयी है,
खुशी हमारी हमसे रुठ गयी है,, रुठ गयी है,, रुठ गयी है।।