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Ridima Hotwani

Inspirational

4  

Ridima Hotwani

Inspirational

इम्तिहान

इम्तिहान

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1.)जिंदगी इम्तिहानों का दौर है राहे

सफररूकना नहीं


2.)कदम दर कदम आगे बढ़ना ही होगा

वक्त पे मुफलिसी का चढ़ा है खुमार

इस खुमार कोअपने आंतरिक बल से हराना ही होगा


3.)वो जो अपने सगे हैं

आज उन अपनों से भी

दूरियों को रखना वाजिब तो होगा


4.)कली खिलती है इम्तिहानों के सफर की

परवाज़ सुन कर ही पुष्प सी महकती है


5.)आंगन की क्यारी जब अनगिनत गुलों पे खड़ी

हंसती-खिलतीइतराती फिरती है


6.)कुछ सुमन मुरझाये से बिन खिले ही

खुद को "ख़ाक- ए- खादे-सुपुर्द" हंसते-मुस्कुराते कर देते हैं


7.) ऐसे गुल ही आंगन की मिट्टी को

हरेपन का उपहार देते हैं


8.) मत घबराना ऐ दिल इम्तिहानों का दौर तो

उम्र पर्यन्त चलता रहता है


9.) हो वक्त कितना भी सख़्तक्या कभी

वक्त एक घड़ी को भी कहीं रुकता है


10.)जब "वक्त- ए वफ़ा" ना रुक

सकीं तो इम्तिहानों से घबरा कर 


11.) ऐ मानव तू कैसे रुक रुक सकता है।।


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