STORYMIRROR

Amit Singhal "Aseemit"

Drama Classics Inspirational

4  

Amit Singhal "Aseemit"

Drama Classics Inspirational

जी ले ज़रा

जी ले ज़रा

1 min
326

उम्र ढल रही है तो क्या, तू भी खुलकर जी ले ज़रा।

थोड़ा सा मुस्कुरा दे न,मन अवसाद से क्यों है भरा।


तू अब तक हमेशा अपने अपनों के लिए है जिया।

जो तुझसे बन पड़ा, वह तूने परिवार के लिए किया।


अब अपनी सारी चिताओं से छुटकारा ले तो कभी।

और अपनी ज़िंदगी के आख़िरी पड़ाव को जी अभी।


अब अपनी और अपने हमसफ़र की फ़िक्र कर बस।

उसको भी वक्त और खुशी देना, तू भी खुलकर हँस।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama