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Pooja Kothari

Drama Inspirational

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Pooja Kothari

Drama Inspirational

उस गली से होकर गुज़र

उस गली से होकर गुज़र

1 min
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बेसबब गुज़रता रहता है

शहरों की तंग गलियों से

कभी तो कविता और ग़ज़लों की

गली से होकर गुज़र


ए दिल !

क्यों संभलकर चलता है तू ?

कभी तो रंगीन निगाहों की

डगरी से होकर गुज़र !


इश्क़ में जीने - मरने का

स्वाद भी चख ले ज़रा

किन्हीं हसीन होठों की

मुस्कराहट से होकर गुज़र !


हँसना-हँसाना तो है एक बहाना

किसी उदास मन का गम चुराने के लिए

उसके दिल से होकर गुज़र !


माना कि गम कई हैं

बोझ कई हैं

सफर में कांधों को झुकने के लिए

पर चलते - चलते किसी का हौंसला होकर गुज़र !


यूँ गुज़र हर गली, नुक्कड़, मोहल्ले से

कि जिस से मिले

उसकी यादों से होकर गुज़र !


रहबर यूँ ही गुज़र जाए

ज़िन्दगी का ये सफर

गुज़रने से पहले

ज़रा दो पल जी कर गुज़र !


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