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Pooja Kothari

Drama Fantasy

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Pooja Kothari

Drama Fantasy

नहीं मिलते !!

नहीं मिलते !!

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मिलते है सभी ख्वाबों में,

बस आप नहीं मिलते,

कभी रात नहीं मिलती,

तो कभी ख्वाब नहीं मिलते।


बच्चे-सा मन,

खुश हो जाता है गुब्बारे से,

जानता है जब,

कि गुब्बारों में,

आफताब नहीं मिलते।


मासूम है दिल,

दिल को मासूम ही रहने दो,

मिलता है सब जहाँ में,

सच्चे इंसान नहीं मिलते।


गिरजे मिले, मदरसे मिले,

मिले मंदिर गुरूद्वारे भी,

हर नगर हर गली में,

मगर उस अज़ीम-ओ-शान के,

निशां नहीं मिलते।


दलित, फ़क़ीर, सतदार,

हिन्दू मुसलमान मिले,

जलते घर, कब्रिस्तान मिले,

मिलते है दर्जे और धरम,

पर आदमी को इंसान नहीं मिलते।


मिलते है हमसफर,

हमजुबां, हमनुमा भी,

पर सोचे जो नयी नज़र से,

वो हमें ख्याल नहीं मिलते।


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