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कोहिनूर

कोहिनूर

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तू ना झुकना कभी

तू ना रुकना कभी

तुझ में ही छुपा एक नूर है

ठान ले कि अब हर

आनेवाली मुश्किल मंज़ूर है !


चट्टानों से हौसले रख

मंज़िल जो ना नज़र आए

अपनी हिम्मत से कुछ ऐसा कर दिखा

कामयाबी का एक तूफानी कहर आये !


वो तेरी सफलता से दंग रह जाए

जिसने भी तुझे कमज़ोर समझा

कर ऐसा करिश्मा कि अपनी लगन से

तू खुद एक मिसाल की डोर बन जा !


अगर राह धुंधली - सी लगे अब भी

ठान ले कि अंत तक जाना ज़रूर है

कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो

तू खुद ही एक कोहीनूर है !


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