"क्रोध"
"क्रोध"
यह हमारा क्रोध
जीवन अवरोध
बचिए इससे
यह बुरा बहुत
जब आता, क्रोध
खूं बढ़ती, दौड़
बढ़ता रक्तदाब
होता हृदयाघात
आती है, मौत
यह, क्रोधाग्नि
खूं जलाती, जोत
क्रोध है, खोट
रिश्ते देता तोड़
क्रोध है, वो रोग
जिसमें भूलता
मनु स्व बोध
हुआ यह, शोध
जिसने जीता,
यहां पर क्रोध
वो बना, बौद्ध
जिसने, छोड़ा
यहां, पर क्रोध
वो बना, अशोक
यह, हमारा क्रोध
देता, बस शोक
छोड़ दे, यह क्रोध
जिंदगी, अनमोल
क्यों जले, रोज
क्रोध को देता,
सब्र ही चोट
सब्र ही मारता,
इसे थप्पड़, रोज
रखे सब्र, बहुत
रहे, सदा लोटपोट
निकलेगी, मरोड़
मिटेगा, स्वतः क्रोध
आयेगा वो मोड़
क्रोध भी कहेगा
तू है, अफरोज
तू है, अफ़रोज़।
