होलिका आज जलाना है जग से पाप मिटाना है, दुर्जन जन से पटी है धरती सत कर्मों का हनन होलिका आज जलाना है जग से पाप मिटाना है, दुर्जन जन से पटी है धरती सत...
इस बार के हिंदी दिवस पे, सबके घट में हिंदी घोल दो इस बार के हिंदी दिवस पे, सबके घट में हिंदी घोल दो
दीपक भी बन गया तम स्तोत्र है हर ओर आज निशाचरों का जोर है दीपक भी बन गया तम स्तोत्र है हर ओर आज निशाचरों का जोर है
तेरे द्वार पे जो भी आया, तूने प्रीत निभाई तेरे द्वार की मैं हूं दासी, मेहर की आस लगाई तेरे द्वार पे जो भी आया, तूने प्रीत निभाई तेरे द्वार की मैं हूं दासी, मेहर की...
आती है, मौत यह, क्रोधाग्नि खूं जलाती, जोत क्रोध है, खोट आती है, मौत यह, क्रोधाग्नि खूं जलाती, जोत क्रोध है, खोट