होलिका आज जलाना है
होलिका आज जलाना है
होलिका आज जलाना है
जग से पाप मिटाना है,
दुर्जन जन से पटी है धरती
सत कर्मों का हनन हुआ
झूठ ने अपने पांव पसारे
सच्चाई का दमन हुआ,
झूठ का दम्भ मिटाना है
होलिका आज जलाना है,
हिंसा और आतंक के आगे
मानवता का कत्ल हुआ
धरम की आड़ में खून बहाया
कैसा यह अनर्थ हुआ,
अमन का ध्वज फहराना है
होलिका आज जलाना है,
होलिका का संदेश है यह
बुरा कभी ना करना तुम
चलना सत की राह सदा तुम
ईश्वर का पैगाम है यह,
प्रेम की जोत जगाना है
होलिका आज चलाना है।

