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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Tragedy

"महंगाई गोली"

"महंगाई गोली"

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जैसे बनी गोली, कोरोना रोकथाम की 

ख़ास बने गोली, महंगाई रोकथाम की

कोई बन जाये यहां पर भी ऐसी गोली,

ताकि चुप हो जाये, इस पेट की बोली


एक गोली, बने तो बस इस काम की

पेट आग रह जाये, फिर बस नाम की

कोई बने, गोली महंगाई रोकथाम की

जैसे बनी, गोली कोरोना रोकथाम की


मिटे यह बेईमानी, जीत हो ईमान की

खाये हम भीतर एक गोली ईमान की

आओ संकल्प करें, खुलकर हंसे हम

हंसी न हो हमारी, झूठ, अधर्म, पाप की


ख़ास बना पाये हम सब ऐसी गोली,

भ्रष्टाचार की मिटा दे, चहूँ ओर टोली,

भ्रष्टाचार ने निकाली, सांसे इंसान की

हर जगह दुकानें लगी है, भ्रष्टाचार की


घूस, बेईमानी, भ्रष्टाचार महंगाई के भाई

इन्होंने आम आदमी की लुटिया डुबोई

आओ सत्य गोली खाये, स्वाभिमान की

खाये सब कसम, हम सत्य-भगवान की


गोली हम बनाएंगे महंगाई रोकथाम की

सब पहचाने ताकत, इस वोट-जुबान की

घूस, भ्रष्टाचार, तोड़ेंगे टांग हम बेईमान की

ईमानदारी मिटाएगी महंगाई हिंदुस्तान की


मित व्यय करेंगे, अपव्यय छोड़ें देंगे हम

यही गोली होगी महंगाई रोकथाम की

बनाएंगे सख्त कानून, भ्रष्टाचार, घूस पर

महंगाई कम हो, जीत होगी अवाम की



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