STORYMIRROR

Ritu Rose

Drama Romance Inspirational

4  

Ritu Rose

Drama Romance Inspirational

चील गाड़ी( हवाई जहाज)

चील गाड़ी( हवाई जहाज)

1 min
257


नहीं बस अड्डे मुझे जाना नही रेल में धक्के खाना

बैठना से मुझे बंद आली बॉडी में

बलम जी बलम जी बलम जी सैर करा दो मने उस चील गाड़ी मैं

1

उसमे.इतनी सुथरी छोरीया ना परियों से वह कम

पैर धरे जब भीतर ने करती वेलकम

कोई जींस टॉप वाली कोई सुंदर साड़ी में

बलम जी बलम जी...... 

नहीं बस. .... 

बैठना...... 

2

एक देश से दूसरे देश में आंख खुले जब पहुंचा दे

मन्ने भी करवा दो सैर इसके बारे में सोचा के

नहीं धक्के मुक्के खाने मने रेलगाड़ी में

बलम जी बलम जी...... 

नहीं.... 

बलम जी..... 

3

सात समुंदर चीर जाए करती हुई हवा से बात

बैठे पीछे हाल लगती नहीं बेरा ना दिन है या रात

सूरज शालू रोज जिंदगी गुजरी अपनी साइकिल की ताड़ी में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama