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Ritu Rose

Drama Action Inspirational

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Ritu Rose

Drama Action Inspirational

आंखें खोल

आंखें खोल

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आंखें खोल सुबह हो गई

कुछ तो बोल सुबह हो गई

क्यों भटक रही है अंधेरों में

अंधेरों में काहे खो गई

उजाला भी है दुनिया में

उम्मीद की किरणें हैं

खुद को समेट कर रखना

बिल्कुल भी ना बिखरने दे


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