गुरु ? दोस्त ? क्या कहूं ?
गुरु ? दोस्त ? क्या कहूं ?
आप मेरे लिए दोस्त, गुरु, सलाहकार
और वो सब हैं जो हमारे रिश्ते को बयां करता है
खून का रिश्ता मेरा चेहरा पढ़ सकते हैं
मैं परेशां हूँ मुझसे पहले आपको पता होता है
आपकी जन्दगी में क्या अहमियत है मेरी नहीं जानती
पर मेरी जिंदगी में आपके लिए
हमेशा वो जगह और इज्जत रहेगी
पता नहीं मैंने कोई याद छोड़ी है
पर उम्मीद करती हूँ की
कभी कभार भूले भटके ही सही
शायद आपको याद आ जाऊँ !
