माँ
माँ
शब्द नहीं हैं उसकी
अहमियत बयान करने के लिए
या यूँ कहें की शब्द भी काम पड़ जायेंगे
फिर भी एक कोशिश भर की है
माँ क्या कहें ....
इस दुनिया में लाने वाली,
हर कदम पे साथ देती।
शरारतों पर गुस्सा करती,
गलती पर डाँटती,
पर अगले ही पल सब भूल जाती।
हमारे लिए सबसे लड़ जाती,
हमारी छोटी सी कामयाबी भी,
उसके चेहरे पर मुस्कान लाती है।
खुशी में, गम में
पर पल साथ है उसका।
ज़िन्दगी की शुरुआत है,
हर रह पर हर मोड़ पर,
हर कदम पर तेरा साथ है।
हर खुशी में तू शामिल है,
हर गम में तेरा सहारा है।
तू हमेशा साथ नहीं,
फिर तेरा एहसास है।
माँ तू मेरा सबसे कीमती तोफा है.....
