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Srijan Verma

Abstract

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Srijan Verma

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वो अलग है

वो अलग है

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वो अलग है 

कहीं न कहीं हम सभी

बस फरक इतना है कि,  

वो अपने सपने जीता है

और हम बस सपने देखते हैं  

वो अपने सपनों के लिए लड़ता है 

और हम बस बहाने ढूंढ़ते हैं  

शायद दुनियां को 

उसके तरीके नामंज़ूर हों  

पर यकीन मानिये 

उसका मकसद कभी गलत नहीं होता 

दुनिया को शायद वो खटकता है 

पर मेरे लिए वो अलग है।



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