पता ही न चला
पता ही न चला
पता ही न चला
तीन साल कैसे बीत गए
ऑफिस के दोस्तों के मज़ाक से
आज तक का सफर
कैसे बीत गया
पता ही न चला
कभी न साथ हो पाने से लेकर
ज़िन्दगी भर के लिए
साथ हो जाने का ये सफर
कैसे बीत गया पता ही न चला
अब बस एक ख्वाहिश है कि
यूँ ही साथ बना रहे
मुश्किलें तो आएंगी
पर ये साथ हमेशा बना रहे
ताकि कुछ साल बाद फिर लिख सकूँ कि
ये समय कैसे बीत गया
पता ही न चला