STORYMIRROR

Srijan Verma

Inspirational

4  

Srijan Verma

Inspirational

एक परिंदा

एक परिंदा

1 min
23.7K

एक परिंदा अपने घोसले से निकला पहली बार 

किसी दूसरी ही दुनिया की ओर 

अनजान सफर पे अनजान हमराहियों के साथ 

फिर एक फ़रिश्ते की दस्तक हुई


और गहरा नाता सा बन गया 

जिंदगी का नजरिया बदल गया 

नए रिश्ते बने नयी अटखेलियां की 

पर एक दिन अचानक 

फ़रिश्ते छूटने सा लगा 


परिंदे ने बहुत कोशिश की पर 

शायद उनका साथ यही तक था 

परिंदा गुमसुम है अकेला है 

और फ़रिश्ते से नाराज़ भी 

कोशिश करता है 


बदलाव को अपनाने की 

लेकिन असफल है 

कहीं न कहीं अब भी दोनों 

एक दूसरे से जुड़े हैं 

शायद इसलिए तो फ़रिश्ते को तकलीफ देकर भी 

परिंदा खुद उससे ज्यादा दुखी होता है 


ना जाने फ़रिश्ते को इस बात का एहसास 

भर भी है की नहीं 

परिंदा कोशिश कर रहा है 

इस बदलाव में खुद को ढलने की 

इस उम्मीद में की एक दिन सफल होगा ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational