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Neha Tickoo

Drama

4.5  

Neha Tickoo

Drama

माँ मैं तुझ सी ना बन पाई

माँ मैं तुझ सी ना बन पाई

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558


यूँ तो हूँ मैं रंग रूप में तेरी ही परछाई

सीखे सारे बोल है तुझसे

हर तालीम है पाई

पर तुझ जैसे होकर भी मां

मैं तुझ सी ना बन पाई

माँ मैं तुझ सी ना बन पाई।


सफलता पर मेरी 

सबने लूटी थी वाह वाही

तो क्यों मेरी हर गलती पर

तेरी परवरिश ने ही सज़ा पाई।

तूने ही इक बस खामी मेरी

हर दम गले लगाई।

फिर भी माँ मैं तुझ सी ना बन पाई


सदा बताई अपने मन की

तेरी जान पाई।

निस्वार्थ प्रेम में तुमने मां थी

खुशियाँ अपनी भुलाई।

तेरे त्याग समर्पण का

तू कभी भी मोल ना पाई

फिर भी माँ मैं तुझ सी ना बन पाई


छोड़ तेरे आंचल का साया 

जब दुनिया नई बसाई।

हर चेहरे में ढूँँढां तुझको पर

तेरी सूरत ना पाई।


खुशियों में भले ही भूल गई 

मुश्किल में तू ही याद आई।

नमन है उन चरणों में ए मां

जिसकी धूल मात्र ना बन पाई।

माँ मैं तुझ सी ना बन पाई।

माँ मैं तुझ सी ना बन पाई।


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