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Anushree Goswami

Drama Inspirational

5.0  

Anushree Goswami

Drama Inspirational

एक मुस्कुराहट

एक मुस्कुराहट

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दुनिया में गम बहुत था,

एक मुस्कुराहट बाँट लेते,

तो क्या कम था !


नज़रों को फेरकर अपने,

मुलाकात न की उस अनजान से,

दो आँखें गर सत्कार कर लेतीं,

एक दूसरे का,

तो क्या गम था !


वो जो उसकी बकबक से,

परेशान थे तुम,

वो बरसों का डरा,

सहमा इंसान,

तुमसे थोड़ा दुख बाँट लेता,

तो क्या गम था !


वो जिसकी शाँति,

तुम्हें काट रही थी,

बरसों बाद जिसे मिलीं थी खुशियाँ,

उसकी शाँति का तुम भी,

सम्मान कर लेते,

तो क्या कम था !


किसी के शरीर को काटकर,

>उसको चोट पहुँचाकर,

क्या पाया ही तुमने ?


आत्मा उड़ गई जो आकाश में,

शरीर भी प्रतिरूप उड़ जाता,

तो क्या गम था !


तुम्हें दिक्कत है अल्लाह से,

तुम्हें दिक्कत है भगवान से,

अरे, तुम्हें दिक्कत है इंसान से,

तुम्हारे जैसा एक इंसान न बनता,

तो क्या कम था !


वो जो सिखा रहे तुम्हें रात - दिन,

कि ये दुनिया बहुत मतलबी है,

गर वो हर इंसान,

अपने मतलब से न जीता,

तो क्या कम था !


दुनिया में चाँद के दीवाने तो बहुत थे,

तुम कर लेते एक तारे से प्यार,

तो क्या गम था !


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