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Tanha Shayar Hu Yash

Inspirational Drama

5.0  

Tanha Shayar Hu Yash

Inspirational Drama

कब तक

कब तक

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कब तक रोना है मुझको 

ये कब तक मैं ही बोलूंगी। 

पाखण्ड जैसी गन्दी निगाहें को,

मैं किस तराज़ू में तोलूँगी। 

असभ्य समाज की सभ्यता को,

कब तक मैं खामोशी में बोलूंगी। 

कब तक रोना है मुझको 

ये कब तक मैं ही बोलूंगी। 

चल तलवार उठा, काट गला,

मैं अब शोषण के सर डोलूँगी।  

ये जुर्म है मुझसे तुमने करवाया,

मैं गंदे समाज के मुँह से बोलूंगी। 

कब तक रोना है मुझको 

ये कब तक मैं ही बोलूंगी।

है रंग भेद की नीति दुनिया,

इस नीति को मैं भी तोलूँगी। 

जब अच्छे कर्मो को गिनते हो,

तब मैं सबके बुरे कर्मो को खोलूंगी। 

कब तक रोना है मुझको 

ये कब तक मैं ही बोलूंगी।


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