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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Tragedy Classics

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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Tragedy Classics

। झूठे रिश्ते ।

। झूठे रिश्ते ।

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फ़क़त नाम के थे ये सारे दिखावों के झूठे रिश्ते,
दिलों में न थी गर्मी, बस थे हवाओं के झूठे रिश्ते।

 जो बैठे थे मुस्कान ओढ़े, वो चेहरे पत्थर के निकले, हकीकत को क्या जानें ये नक़ली अदाओं के झूठे रिश्ते।

 वो पलकों पे वादे रखकर भी टूटने लग जाते धीरे धीरे, नज़र भर के ही खुल जाते हैं परछाइयों के झूठे रिश्ते।

 फ़ायदों की बारिश रूके तो सब दूर बहुत हो जाते, नज़दीकीया भी रुसवा करती है जब हो सायों के झूठे रिश्ते।

 मैं क्या-क्या उम्मीदें बाँधूँ इन काग़ज़ जैसे लोगों से, चाहत भी यहाँ बिक जाती है ये सस्ती दुआओँ के झूठे रिश्ते।

 चलो अब न हम थामें दामन इन टूटे हुए लम्हों का, दिल पर बोझ बन जाते हैं ये ठहरी हवाओं के झूठे रिश्ते।


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