चलो देखते हैं
चलो देखते हैं
बदल रहा पल पल
पले जो मूल्य वर्षों से
चले रस्म जो जन्मों से
मिला ज्ञान जो मातृभूूूमी के कण कण से
नीति जो चाणक्य ने सिखाई
चतुराई जो चन्द्रगुप्त,शिवाजी ने दिखाई
दर्शन विवेकानंद का
गाँधी का सत्य, उनकी अहिंसा
पटेल का साहस
भगत,आजाद,सुखदेव,राजगुरू की राह
समर्पण धरा के लिए सीमांत गाँधी का
राजेन्द्र प्रसाद की बुद्धिमत्ता
नेहरू का पंचशील
लालबहादुर की शालीनता
उनका वह त्याग
बाबा साहब का आह्वान
जयप्रकाश नारायण की क्रांति
कर्पूरी ठाकुर की शांति,,
फिर धर्म निरपेक्षता के तत्वों को
समानता के आदर्श को
हम सब भारतीय एक हैं
इस अनमोल कथ्य को
बँटकर लुटे इस कङवे सत्य को,,
टैगोर के त्याग को
कलाम साहब के कमाल को
होली के उल्लास को
ईद के मिलाप को
दशहरा दीवाली के हुलास को
लगता है हम भूल रहे हैं,,
चलो देेखते हैं
चलो देेखते हैं।।
