STORYMIRROR

Vedant Kashyap

Inspirational

4  

Vedant Kashyap

Inspirational

शौर्य नारी

शौर्य नारी

1 min
701


मर्दानी शौर्य की ढ़ाल लिये 

वो नारी प्रचंड रूप सी 

लिए संग स्नेह संवेदना 

वो नारी संघर्ष नूर सी 


     माथे पर तिलक विजय लिये 

     हाथों से दया प्रदायिनी 

     आँखों में झलक है प्रेम की 

     बातों मे उदारता स्नेह की 


उज्ज्वला की ढ़ाल लिए 

चली भयंकर स्याह सी 

कभी जननी बनी रही 

कभी विकराल काल सी 


      ममता की हर रूप समायी 

      वो नारी मर्दानी मूर्त सी 

       हर अंश अंश निवासिनी 

       त्रिशूल शंख की धारिणी


वो नारी विजय प्रदायिनी 

साध्वी भी कभी कहलाई 

कभी कालरात्रि की छवि 

वो माँ प्रखण्ड प्रकाश सी. 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational