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Ramchander Swami

Inspirational

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Ramchander Swami

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राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र प्रेम

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फिर कोशिश है सोये सिंह जगाने की

हृदयों में फिर राष्ट्र प्रेम धधकाने की

देखो पूरा भारत सोया सोया है

न जाने ये किन सपनों में खोया है


इक छोटा सा घाव दिखाने आया हूँ

हाँ मैं सोये सिंह जगाने आया हूँ

रावण छुट्टा हैं जेलों से बेलों पर

देखो तो भगवान बिक रहे ठेलों पर

जिधर नजर डालो दहशत की आंधी है


बन बैठा हर कोई महत्मा गांधी है

कोई ऊधम सिंह नजर न आता है

जनरल डायर फिर से हुक्म सुनाता है

फिर से जलियांवाला बाग बनायेगा


कहता है फिर खूनी फाग मनायेगा

कौवे गाते हैं कोयल शर्माती है

और गुलों से गंध विषैली आती है

देखो फूलों को खारों ने घेरा है

प्रातःकाल में छाया हुआ अंधेरा है


चूहा सिंहों को चाटा दे जाता है

उल्लू गरुड़ों को घाटा दे जाता है

सूरज बंदी पड़ा जुगुनुओं के घर में

कुछ चमगादड़ निकल पड़े हैं अम्बर में


पुनः जरूरत है जौहर के ताप की

आज जरूरत है फिर शिवा, प्रताप की

आज जरूरत है शेखर की गोली की

भगत सिंह के इंकलाब की बोली की।


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