STORYMIRROR

Dheeraj Dave

Inspirational Drama

3  

Dheeraj Dave

Inspirational Drama

"मसीहा"

"मसीहा"

1 min
26.5K


मसीहा मत बनाओ तुम मुझे इंसान रहने दो

मुझे पहचान की चाहत नहीं अंजान रहने दो

सितारा हूँ मैं रातो के स्याह होने पे चमकुंगा

अभी सूरज नहीं डूबा मुझे गुमनाम रहने दो

तुम शाह-ए-अमीरा हो तुम्हें हक़ है गुमानी का

मैं साथी हूँ फकीरों का मुझे आसान रहने दो

सयानापन समझदारी मुबारक हो तुम्हे सारी

न सीखलाओ मुझे ये सब मुझे नादान रहने दो

चरासाजो जरुरी है मुझे मरना ही है एकदिन

दवा-दारु से क्या होगा के ये अहसान रहने दो

सितमगर है मैं मानु हूँ निगाह-ए-यार के सदके

मुझे मिटने की आदत है मुझे कुर्बान रहने दो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational