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Neha Tickoo

Drama Inspirational

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Neha Tickoo

Drama Inspirational

ख़्वाहिश

ख़्वाहिश

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जब ख्वाहिशों का पंछी उड़ान भरना चाहे,

सब बंधनों को तोड़े आकाश छूना चाहे,


कहां होश उसको इसका है पंख कितने कोमल,

धुन में मगन वह अपनी करे तय कठिन वह राहें।


कभी आंधियों ने रोका तूफ़ान ने डराया,

पर टिक कहां वह पाते दृढ़ हौसलों के आगे।


कभी ठोकरों से गिरकर ना हार उसने मानी,

उम्मीद के सहारे बढ़ता रहा वह आगे।


ज़ज़्बा अगर बुलंद हो कुछ भी कठिन नहीं है,

उम्मीद तब ख़तम है जो तू मुश्किलों से हारे।


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