STORYMIRROR

Keshi Gupta

Drama

4  

Keshi Gupta

Drama

तन्हा जिंदगी

तन्हा जिंदगी

1 min
536

दिल की गहराइयों से

चाह था जिसे हमने

उसने समझा नहीं

मुझे कभी अपना


दिल के हाथों

मजबूर थे हम

उसने उसे मेरी

कमजोरी समझा


उम्र के उस मोड़ पर

तन्हा थी जिंदगी बहुत

दिल की धड़कनों में

वजता एक संतूर था


वक्त की बिसात पर

बिछी हुई थी जिंदगी

इश्क के इस खेल में

हारना मंजूर था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama