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Rekha Shukla

Drama Romance Classics

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Rekha Shukla

Drama Romance Classics

पायल

पायल

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पायल खननन.........

शोले उठ्ठे पानीमें तरन्नुम बजने लगी

साझ छेड चली उंगलीया चुभने लगी


टिपटिप गिरी बुंदे सांज ढलने लगी 

फिर स्थिर कंकर वर्तुल करने लगी


शाम की पायल खननन बजने लगी

वादा निभा गई रात पागल करने लगी।


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