ख़ुदा
ख़ुदा
खामोश ख्वाब में देखा जुदा जहां
नींद से जागा तो ना मिला खुदा यहां...
तन्हा तन्हा यहां, हैं दिल्लगी ने टोका
आ मिल ले खुदा जरा हैं जिंदगी ने रोका...
उड़ता फिरूं यहां, हूँ हवा का झोंका
मेरा कहां नहीं, हैं बंदगी ने रोका...
खामोश ख्वाब में देखा जुदा जहां
नींद से जागा तो ना मिला खुदा यहां...
तन्हा तन्हा यहां, हैं दिल्लगी ने टोका
आ मिल ले खुदा जरा हैं जिंदगी ने रोका...
उड़ता फिरूं यहां, हूँ हवा का झोंका
मेरा कहां नहीं, हैं बंदगी ने रोका...