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Rekha Shukla

Abstract Classics Fantasy

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Rekha Shukla

Abstract Classics Fantasy

सैयो

सैयो

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धकधक...धडकन सैयो मान गयो रे...

जीयरो थडक्यो आहट तोरी जान गयो रे...


तू बोला मै तेरी नैंणा मार गयो रे....

झुक गई नजरे फिर भी पहेचान गयो रे...


पीछे मुड़ ली हंस के तू जान गयो रे...


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