रंग कलम से बेहुदे
रंग कलम से बेहुदे
ड्युटी बियोन्ड डेथ, फिर भी कूहू कूहू बोलती कवितांयें हैं ?
ओफ ध रेकोर्ड ट्रेझर ओफ ब्लेसींग्स मुस्काई सिल्की रचना है?
इद्गारॉ दोदारे दिलसे उठे इबादत कोई ईजाजत सर पे हाथ है?
सरेआ, सुगलुलोत हुए अल्फाझ्म क्या चाहत बेनाम चातककी हैं?
अन्यमनस्क नजरें धूंधली, क्यां जिंदगी सब की गुलजार हैं ?
रंग कलम से डूबी कॄतियां, बदली मौसम में सरनामी मूर्तियां हैं ?
रूक्सत करे, अलबिदा कहे,अरे !! रूकावटें शान तख्तों ताज हैं
दुरस्त करे, गौर फर्मायें, अल्फाजे मौन प्यासा हां ये राझ हैं
चुनाव, दंगा, रिश्वतखोर बेहूदे नारें, किसे समजाये आग हैं
जख्मी परिंदे सी आम जनता यहां, कैसी शान किसे नाज हैं।