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Rekha Shukla

Abstract

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Rekha Shukla

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ओ' परवर दिगारा

ओ' परवर दिगारा

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ओ' परवर दिगारा 

मुबारकियां जोरशोर से और थरथर कटी रातें

फितूर मेरा लाया करीब ओ' परवर दिगारा


कैद करलो या फिर करलो तुम आजाद दिदारा

नूरानी हो चेहरा और हां तिरछी नजरें सहारा


ख्वाबो की खिडकी से कर दो आजाद अंगारा

चाहती नजारा ले चला सालों के पीछे दिलदारा


अब सितारों से आगे चल के करलो आजाद अंगारा

रूक रूक के जाती हैं जान एक तू ही तो सहारा।


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