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Ajay Gupta

Drama Tragedy

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Ajay Gupta

Drama Tragedy

पैसा

पैसा

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काश जो मेरे पास भी होता पैसा, 

बड़ी कार से घूमते बन ठन

ना खाते हम रोटी सब्जी, 

पिज्जा बर्गर खाते मन भर


पैसे से पाते हम दोस्त यार 

शायद मिल सकता सच्चा प्यार 

ढूंढता कागज प्लास्टिक और निवाला 

जैसे कचरा ही रह गया जीवन हमारा


काश और जो ये पैसे होते 

हर साल हम गाड़ी बदलते 

अपना खुद का डाक्टर रखते 

जिससे रोटी सब्जी हम खा पाते 


कई स्वार्थ से पास तो आते 

वकील अब है रिश्ते बचाते 

काग़ज को इतना है सहेजा 

कचरा सा लगे अब जीवन मेरा।


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