31 दिवस
31 दिवस


खूब पढ़ लिख कर,
तुम बन जाओ महान,
दूसरे ग्रह के वासी भी आए
मिलने ले अपनी अंतरिक्ष यान,
रूपए तुम बहुत कमाना,
पर गरीबों की मदद कर बनो नेक इंसान,
मेहनत कर सेहत बनाना,
वृक्षों से धरती है सजाना,
गांव शहर हर जगह हो तेरा चर्चा
जीवन साथी का भी हमेशा साथ निभाना,
मां के आशीर्वाद और उनका साथ हो हर पल
चमके सूरज और धन धान्य से भरे आँचल
नारी जो विभिन्न कार्य करे एक साथ
उसे भी ले जाओ ऑन लॉन्ग ड्राइव
पेड़ काट पार्टी मना
लौट आयी अलादीन की बेटी
कब्रिस्तान से निकले भूत
देख भागी राजा जी की
बेटी
सुपरमैन बन तुम जाना
करोना को भी दूर भगाना
सद्बुद्धि का करके प्रयोग
सफ़लता तुम पा जाना
मोबाइल से अपने रिश्ते बचाना
विविध रंगो के देश पर सर्वस्व लुटाना
जैसे छोटे पौधे थोड़ी प्यार से है बढ़ जाते
शर्मीले को दे उतना प्यार उनको भी बढ़ाना
मेहनत हमेशा तुम करते जाना
चाहे बारिश हो या खुला हो दिन
सब को देना तुम सम्मान
चाहे अंधा, बच्चा या वृद्ध एक समान
चाहे दिन हो या हो रात
तुम अपनी बहन से मत झगड़ना,
जादू की छड़ी यूँ घुमाना
रूपए के पेड़ से रूपए भर लाना।