जादूगर
जादूगर
जादूगर ने छड़ी घुमाया,
फूलों की बारीश करवाया.
अपनी टोपी के अन्दर से,
खरगोश के बच्चे बाहर लाया.
सामने बच्चे बजाये ताली,
उड़ता जहाज अदृश्य करवाया.
एक युवती को बीच से काटा,
फिर उसको सही करवाया.
शो ख़त्म सब अपने घर गए,
जादूगर के स्टाफ से एक दौड़ के बाहर आया,
जादूगर के कान में कुछ बताया,
सुनते ही जादूगर को भी पसीना आया.
किसने मेरी छड़ी है चुराया,
सी सी टी वी पर चेक करवाया,
अजीब सा वेश लम्बा जिसका पौशाक
ज़ूम करके उसे दिखाया,
विकृति आया था इधर,
तुम लोग ने क्यों नहीं बताया,
हमे कुछ न दिखा सर जी,
अजीब सी बस हलचल था पाया.
रूम में देखो कुछ और भी हो पड़ा,
उसने और कुछ क्यों न उठाया,
लम्बी कार, उड़ता जहाज सब था यहाँ,
पर केवल छड़ी ही क्यों था उसने चाहा?
स्लो मूवमेंट में चेक किया,
विकृति के रास्ते को टेस्ट किया,
वह तेज गति से था आया,
और छड़ी उठा कर भाग गया.
कौन है यह विकृति?
स्टाफ ने विस्मय से प्रश्न किया
हमने एक गुरु से सीखा सब कुछ,
पर अंत से पहले विकृति चीन था भाग गया.
वह जरूर कुछ बड़ा करने वाला है,
कुछ दिन के लिए शो सब बंद करो,
मैं नहीं हूँ इधर, किसी को मत बताना,
विकृति की तलाश जल्दी हमे है कराना.
जादूगर के घर के बाहर लग गया ताला,
पर अन्दर जादूगर कर रहा साधना की माला,
क्या नया करने जा रहा है यह विकृति
कुछ तो आभास कराओ, दो कुछ स्वीकृति.
साधना से सभी जादूगर आपस में जुड़ गए
हर जगह से कुछ न कुछ हुआ था गायब
साधना से ही पहुंचे एक गुफा के अन्दर
कोई वृद्ध जादूगर बंधा था उसके अन्दर
कोई भद्दा सा आदमी कुछ था रहा उबाल,
बंधा बूढ़ा जादूगर कह रहा था बार बार
“तुम दुनिया को ख़त्म कर,
क्या खाक दुनिया पर राज करोंगे
जब कोई नहीं बचेगा शेष,
फिर तिल तिल कर तुम भी मरोगे”
चुप गुरु, तू व्यर्थ सब कुछ सिखाया
जादू है क्षणिक धोखा इतना ही बताया
अब पूरी दुनिया पर धोखे का राज होगा,
सब होंगे गुलाम, 'हम' सबका नाथ होंगा.
विकृति ऐसा मत करों,
साधना से पहुंचे जादूगरों ने गुहार लगाई
तुमने सबसे श्रेष्ठ चीज़ है सब जगह से उठाई,
जग में हम भी तो रहते है मेरे भाई.
अब दुनिया शो की हिस्सा होगी,
और हम तमाशा देखेंगे
दौड़ दौड़ के सब तुम्हारे घर आयेंगे
और तुम मजा जोर उठाओगे
भयंकर धुआं उठने लगा,
छड़ी ने धुआं को ले पी लिया
हवा में धुआं छोड़ कहीं छड़ी वापस आ गया
वृद्ध जादूगर बेबस हो वहीँ खुद मर गया
पूरे नगर के लोग सांस के लिए तरसने लगे
काला धुआं हर जगह बस सब ढकने लगे
कहीं से कोई साँस का सिलिंडर ले दोडा
सिलिंडर के लिए मारपीट कत्ल आम होने लगे
कुछ वैज्ञानिक ने कुछ दवा है बनायीं
उस दवा से धुआं में भी रह लेंगे प्राणी,
भीड़ दवा पाने के लिए होने लगी.
दवा लगवाने के लिए बहुत लम्बी भीड़ बन आई
जादूगरों ने घर से ताला हटवाकर पैसे से सबको वह चुभवायी
छड़ी ने फिर कुछ है छोड़ा
लोग अब भी है मर रहे
जादूगर छोड़ तमाशा,
तमाशा देख देख हंस रहे
विकृति अब भी गुफा में है कुछ पका रहा,
धुआं इतना गहरा छड़ी भी पछता रहा,
अब न जाने क्या है, कहाँ है छोड़ना?
मन ही मन अपने आप को कोसे जा रहा.
विकृति अब भी गुफा में है कुछ पका रहा....