अकेला है तू, अकेला ही चल
अकेला है तू, अकेला ही चल
1 min
485
गाना- चंदा है तू मेरा सूरज है तू
पिक्चर- आराधना
अकेला है तू, अकेला ही तू चल
दूजों में क्यों ढूँढे खुशियों के पल
दुनिया तो बस शिकायतें ही करेगी
अच्छाई नहीं कमियां ही देखेगी
अकेला है तू, अकेला ही चल
करते करते जो तू मर भी गया
इक दिल भी टूटेगा ना
कोई याद न कोई आसूँ ही बहेगा
तू व्यर्थ ही आया और चला जाएगा
ऐसी दुनिया से लगाए क्यों आस
ऐसे लोगों को रखे क्यों आस पास
अकेला है तू, अकेला ही चल
दूजों में क्यों ढूँढे खुशियों के पल- 2
व्यर्थ जीवन का समय न गवाँ
बेगानी दुनिया में मन को न रमा
झाँक अपने ही मन के अंदर
अपने ही अंदर पाएगा समंदर
छोड दे झूठी दोस्ती के वादे
आडंबरों का बोझ क्यों तू लादे?
अकेला था तू, अकेला ही तू चल
खुद में ही छुपे हैं खुशियों के पल- 2