STORYMIRROR

Garima Wadhwa

Abstract Drama Inspirational

4  

Garima Wadhwa

Abstract Drama Inspirational

अLifeinsहै तू, अकेला ही चलi

अLifeinsहै तू, अकेला ही चलi

1 min
488

गाना- चंदा है तू मेरा सूरज है तू

पिक्चर- आराधना


अकेला है तू, अकेला ही तू चल

दूजों में क्यों ढूँढे खुशियों के पल

दुनिया तो बस शिकायतें ही करेगी

अच्छाई नहीं कमियां ही देखेगी

अकेला है तू, अकेला ही चल


करते करते जो तू मर भी गया

इक दिल भी टूटेगा ना

कोई याद न कोई आसूँ ही बहेगा

तू व्यर्थ ही आया और चला जाएगा

ऐसी दुनिया से लगाए क्यों आस

ऐसे लोगों को रखे क्यों आस पास


अकेला है तू, अकेला ही चल

दूजों में क्यों ढूँढे खुशियों के पल- 2


व्यर्थ जीवन का समय न गवाँ

बेगानी दुनिया में मन को न रमा

झाँक अपने ही मन के अंदर

अपने ही अंदर पाएगा समंदर

छोड दे झूठी दोस्ती के वादे

आडंबरों का बोझ क्यों तू लादे?


अकेला था तू, अकेला ही तू चल

खुद में ही छुपे हैं खुशियों के पल- 2


Rate this content
Log in

More hindi poem from Garima Wadhwa

Similar hindi poem from Abstract