मानव हित
मानव हित
उजड़ रहा है सारा चमन
धर्म जाति के नाम पर
गिर गया वजूद इंसानियत का
आधुनिकता के नाम पर
हो रहा प्रचंड प्रहार
सुलग रही मशाल है
सहमति असहमति का
फैला हुआ बवाल है
वक्त रहते ना संभले तो
हो जाना सब ख़ाक है
मानव हित में सोचें सब
बस इसका इंतजार है