जिंदगी एक सफर
जिंदगी एक सफर
ये जिंदगी है एक सफर,
इस सफर के मुसाफिर है हम l
इस सफर के पूरा होते ही,
एक नये सफर में निकल जाना है l
क्या खोया, क्या पाया, कुछ भी तो नहीं,
जो मिला, कमाया यहीं छोड़ जाना है l
चार दिनों का सफर है ये यारों,
मुस्कुराकर हमें इसे पूरा कर जाना है l
इस सफ़र में मुश्किलें भी बहुत है l
कहीं भीड़ भरे बाजार, कहीं तन्हा सफर है l
कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं छांव है l
इस सफर में लगा जिंदगी का दाम है l
कोई मुस्कुराते इस सफर में चल रहा है l
घायल हो चुके यहाँ कितनों के पांव है l
किसी के लिए रोमांचक यह सफर है l
तो किसी के लिए संघर्षों का पार नहीं है l
जरा थम जा रही, ले गहरी साँस तू,
देख उस परमात्मा को आंखें बंद करके तूl
तेरी सफर का वह मंजिल वह मुकाम है l
उसे पाये बिना तेरा सफर बेअंजाम है l