जाटनी
जाटनी
लत लग गई है तेरी खलने लगी है कमी
कौन कहेगा हमें अब जाटनी जी
1
यह रिश्ता का एहसास है रिश्ते जो दिल के पास है
इस रिश्तो की दुनिया में रिश्ता यह एक खास है
तरस रही हूं सुनने को कह देना आज अभी
लत
कौन
2
जिस रिश्ते में प्यार हो वह रिश्ता होता है प्यारा
वह चांद लगता है अंबर का आंखों का लगता है तारा
नजरें होती है इस पर देखते हैं इसे सभी
लत
कौन
3
बाते कभी-कभी याद आती है दोस्त हैं अपना साथी
क्यों दोस्ती की क्या तुम्हें दोस्त की याद नहीं आती
तुम बोलोगे हमसे हम भी बोलेंगे तुम्हें तभी
लत
कौन
4
इसलिए मतलब की दुनिया में रिश्ते मतलब के होते हैं
करके झूठा दिखावा झूठे आंसू रोते हैं
जब चले गए हो तो जिंदगी में आना कभी नहीं।
